गोरखपुर के इस रामलीला मैदान में दिखेगा अयोध्या-जनकपुरी का अक्स

गोरखपुर, बर्डघाट रामलीला मैदान बहुत जल्द बदले स्वरूप में नजर आएगा। यह मैदान सिर्फ दशहरे में ही उत्सवी नहीं दिखेगा, बल्कि पूरे वर्ष यहां रामायण सा आध्यात्मिक माहौल बना रहेगा। प्रदेश सरकार के बजट में धनराशि का प्रावधान होने के बाद पर्यटन विभाग ने कार्यदायी संस्थान सीएनडीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज) के माध्यम से इसे चमकाने का खाका तैयार कर लिया है।


उकेरे जाएंगे रामायण के प्रसंगों से जुड़े चित्र


शासन के दिशा-निर्देश के मुताबिक मैदान को प्रवेश द्वार से ही आध्यात्मिक माहौल दिया जाएगा। प्रवेश द्वार का नाम अयोध्या, चित्रकूट या जनकपुरी रखा जाएगा। चहारदीवारी के दोनों ओर रामायण के प्रसंगों से जुड़े चित्र उकेरे जाएंगे। रामलीला मंचन के लिए स्थाई मंच के साथ ही कलाकारों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सभी कार्य निर्धारित चार करोड़ 87 लाख रुपये से कराए जाएंगे। बर्डघाट रामलीला मैदान प्रदेश के उन 10 रामलीला मैदानों में शामिल है, जिन्हें संरक्षित करने का निर्णय प्रदेश सरकार ने बीते वर्ष लिया था।


किराए की रकम से होगा रखरखाव


पारंपरिक रामलीला का मंचन मैदान में निश्शुल्क किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति मैदान का इस्तेमाल निजी आयोजन के लिए करना चाहेगा, तो उसे रामलीला समिति को निश्चित धनराशि देनी होगी। इससे प्राप्त धनराशि से मैदान का रखरखाव किया जाएगा। आसपास नाली निर्माण और सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी।


ऐसा होगा बर्डघाट रामलीला मैदान


रामायण प्रसंगों के चित्रों से चहारदीवारी को सजाया जाएगा। प्रवेश द्वार का नामकरण भगवान राम से जुड़े स्थलों के नाम पर होगा। कलाकारों के लिए स्थायी मंच, ग्रीन रूम, स्टोर, टॉयलेट ब्लाक और पेयजल का भी इंतजाम होगा। सुचारु विद्युत आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर और हाईमास्ट लाइट की व्‍यवस्‍था होगी। टूरिस्ट शेल्टर का भी निर्माण होगा। जल्‍द शुरू होगा काम


इस संबंध में गोरखपुर के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि बर्डघाट रामलीला मैदान के संरक्षण और सुंदरीकरण का खाका तैयार है। टेंडर प्रक्रिया पूरी करके जल्द कार्य शुरू करा दिया जाएगा। मैदान को इस तरह से सजाया-संवारा जाएगा कि वहां पहुंचते ही लोगों को रामायण काल मेंं होने का अहसास हो।