गोरखपुर, सर्राफा मंडल के पूर्व अध्यक्ष शरद चंद अग्रहरी को गिरफ्तार करने के बाद राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआइ) की टीम अब सोने की तस्करी के नेटवर्क का नेपाल कनेक्शन तलाशने में जुट गई है। इस काम में देश के बाहर भी सक्रिय रहने वाली जांच एजेंसियों की मदद ली जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि नेपाल में कौन लोग सोने की तस्करी के नेटवर्क से जुड़े हैं? वे भारतीय नागरिक हैं या उनका संबंध अन्य किसी देश से है?
सात किलो सोना के साथ पकड़े गए थे पांच युवक
डीआरआइ की लखनऊ जोन की टीम ने बाराबंकी के पास से छह मार्च को सात किग्रा सोना के साथ पांच युवकों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के बाद बीते शनिवार को गोरखपुर आई डीआरआइ की टीम ने सर्राफा मंडल के पूर्व अध्यक्ष शरद चंद अग्रहरी को गिरफ्तार किया। उन पर सोने की तस्करी का नेटवर्क संचालित करने का आरोप है।
तस्कर के नेटवर्क प्रमुख केंद्र है नेपाल
डीआरआइ की छानबीन में पता चला है कि जापान, सिंगापुर और थाईलैंड से तस्करी का सोना नेपाल लाया जाता है। बाद में नेपाल से इसे गोरखपुर लाकर दूसरे शहरों में भेजा जाता है। तस्करों ने अपना नेटवर्क संचालित करने के लिए नेपाल प्रमुख केंद्र के तौर पर विकसित कर रखा है। इस नेटवर्क के संचालन और तस्करी के सोना बाजार में खपाने में शरद चंद अग्रहरी की प्रमुख भूमिका सामने आई है। डीआरआइ की टीम इस नेटवर्क से जुड़ी सारी जानकारी अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली देश की प्रमुख एजेंसियों से साझा कर तस्करों के नेपाल कनेक्शन के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है।
तस्करी का सोना खरीदने वाले कारोबारियों पर भी नजर
शरद चंद अग्रहरी के आवास और दुकानों से जब्त किए गए दस्तावेजों की मदद से डीआरआइ की टीम उनसे सोने और चांदी की खरीद-फरोख्त करने वाले कारोबारियों की सूची भी तैयार कर रही है। जाहिर कि तस्करी के सोने की खरीद-फरोख्त उन्होंने अवैध ढंग से ही की होगी। इसको लेकर उनसे पूछताछ की जा सकती है।
कई अन्य कारोबारी भी राडार परशहर के कई अन्य व्यापारियों पर भी तस्करी का सोना मंगाने और दूसरे शहरों में भेजने के धंधे में लिप्त होने का संदेह है। ऐसे कई कारोबारी भी डीआरआइ की टीम के राडार पर हैं। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए उन पर नजर रखी जा रही है।